उत्तरकाशी : यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम में आने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा आज फिर से एक नया रिकॉर्ड बना तीन लाख की संख्या को पार कर गया है। इस बार कपाट खुलने के बाद से अभी तक तेरह दिनों में भीतर ही इन दोनों धामों में 315622 श्रद्धालुओं का आगमन हो चुका है। रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों के आगमन के बावजूद यात्रा सुचारू और सुव्यस्थित रूप से जारी है और सड़कों पर वाहनों का सुगमतापूर्वक संचालन हो रहा है। जिससे यात्रा में अअब काफी कम समय लग रहा है। यमुनोत्री पैदल मार्ग पर यात्रियों की सुरक्षित, सुगम और सुविधाजनक आवाजाही सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के द्वारा जारी एसओपी के अनुपालन को लेकर तीन अधिकारियों को अलग से जिम्मेदारी सौंपते हुए जानकीचट्टी एवं यमुनोत्री में तैनात किया गया है।
आज सायं 7 बजे तक यमुनोत्री धाम में 12305 तथा गंगोत्री धाम में 13252 तीर्थयात्री पहॅुचे। इसके साथ ही इस यात्राकाल में अब तक यमुनोत्री में 164132 तथा गंगोत्री में 151490 तीर्थयात्री आ चुके हैं। दोनों धामों में अभूतपूर्व ढंग से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन का क्रम निरंतर जारी है। इस बार कपाट खुलने के दिन यमुनोत्री धाम में एकाएक अत्यधिक यात्री उमड़ पड़ने और उसके बाद यात्रियो के यह शुरूआती जत्थे गंगोत्री धाम की तरफ बढने के बाद सड़कों पर वाहनों की भारी भीड़ होने से यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं व सड़कों पर अत्यधिक दबाव से उत्पन्न हो गया था। इस चुनौती का प्रशासन के द्वारा तत्परता से समाधान कर यात्रा व ट्रैफिक प्रबंधन की रणनीति में कुछ फेरबदल कर यात्रा को संचालित किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप अभी भी बड़ी संख्या में यात्रियों एवं वाहनों के आवागमन के बावजूद यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम की यात्रा सुगम, सुचारू व सुव्यस्थित बनी हुई है और धामों की यात्रा में लगने वाला समय भी अब काफी कम हो गया है। प्रशासन के द्वारा यात्रियों के लिए मार्गों पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही बैरियर पर रोके जाने की दशा में जरूरतमंद यात्रियों हेतु पानी एवं भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था अभी भी जारी है।
जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों के आवागमन को सुरक्षित, सुविधाजनक व सुरक्षात्मक ढंग से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी ने एक आदेश जारी कर इस मार्ग पर घोड़े-खच्चरों एवं डंडी के आने-जाने की अधिकतम संख्या व समयावधि तय करते हुए इस पर सख्ती से अमल करवाया जा रहा है। इस व्यवस्था के अनुपालन के लिए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के द्वारा तीन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। जिलाधिकारी ने घोड़ा-खच्चर संचालन हेतु प्रीपेड काउंटर जानकीचट्टी में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को, डंडी संचालन हेतु प्रीपेड काउंटर जिला धर्मशाला जानकीचट्टी में अधिशासी अभियंता लोनिवि. बड़कोट को और घोड़ा पड़ाव यमुनोत्री धाम में जिला युवा कल्याण अधिकारी को तैनात करते हुए प्रत्येक दिन नियमित अंतराल पर तीन बार इस बावत रिपोर्ट भेजने की हिदायत दी है। इस व्यवस्था के चलते पहले दिन से ही यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर आवाजाही अधिक सुव्यवस्थित और सुविधाजनक हुई है।
आज जिले के दोनों धामों की आखिरी पार्किंग तक 2233 वाहन पहॅुचे। इस यात्रा काल में दोनों धामों में अब तक 26862 वाहनों का आगमन हो चुका है।
यमुनोत्री एवं गंगोत्री धामों की यात्रा पर आ रहे श्रद्धालु यात्रा मार्गों पर पड़ने साथ ही मनोरम प्राकृतिक स्थलों, नदियों एवं झरनों पर रूक कर इनका आनंद उठाने के साथ ही यात्रा पड़ावों पर स्थित मंदिरों का दर्शन लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं। यात्रा मार्ग के प्रमुख पड़ाव जिला मुख्यालय उत्तरकाशी में बड़ी संख्या में रूकने वाले तीर्थयात्री नगर के प्राचीन मंदिरों व घाटों के दर्शन करने के साथ ही गंगा आरती में भी प्रतिभाग कर रहे हैं।