By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
  • उत्तराखंड
  • करियर
  • राजनीती
  • पर्यटन
  • क्राइम
  • देश-विदेश
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्पोर्ट्स
  • स्वास्थ्य
  • वीडियो न्यूज़
Search
  • Advertise
© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Reading: Dehradun Cloudburst: उस रात जब कार्लीगाड में काल ने दी दस्‍तक
Share
Notification Show More
Latest News
गौचर के लिए 18 सीटर हेली सेवा जल्द 
उत्तराखंड
दुबई से भारत लाया गया 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का  आरोपी गैंगस्टर जगदीश पुनेठा
क्राइम
मां संग गांव पहुंचे मुख्यमंत्री धामी, माटी को माथे से लगा हुए भावुक
उत्तराखंड
रुद्रप्रयाग में घास लेने गई सात महिलाओं पर भालू का हमला, एक गंभीर
उत्तराखंड
सपनों से भी ऊंची पहाड़ की बेटी की उड़ान
उत्तराखंड
Aa
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
Aa
  • पर्यटन
  • राजनीती
Search
  • उत्तराखंड
  • करियर
  • राजनीती
  • पर्यटन
Follow US
  • Advertise
© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Himalaya Ki Awaj > Blog > Uncategorized > Dehradun Cloudburst: उस रात जब कार्लीगाड में काल ने दी दस्‍तक
Uncategorized

Dehradun Cloudburst: उस रात जब कार्लीगाड में काल ने दी दस्‍तक

Web Editor
Last updated: 2025/09/23 at 6:32 PM
Web Editor
Share
4 Min Read
SHARE

Dehradun Cloudburst: A Firsthand Account of the Karli Gad Flood

रेस्‍तरां संचालक मनीष अजवान

देहरादून, 23 सितंबर 2025 : ‘आज से ठीक एक सप्‍ताह पहले मंगल की वो सुबह मानो अमंगल लेकर आई। कार्लीगाड के कहर से चारों ओर मचा हाहाकर तो अब थम गया है, लेकिन तबाही की दास्‍तां हर कहीं बिखरी हुई है।’ मनीष के मुंह से निकले इन शब्‍दों की सिहरन उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी। बोला, वो सामने देखिए कार्लीगाड नदी के पार पहाडों की ढलान से नीचे उतर रहा यह खाला कभी पतली संकरी गूलनुमा आकृति हुआ करती थी। इसी खाले में उत्‍पन्‍न हुई सुनामी। लगा कि उस रात लहरों पर साक्षात यमराज सवार थे। जो कुछ भी उसकी राह में आया, होटल, रिजोर्ट, घर और रेस्‍तरां, लहरें सब कुछ लील गईं।

देहरादून में सैलानियों की प्रसिद्ध सैरगाह सहस्रधारा से चार किलोमीटर दूर है कार्लीगाड। यही वह स्‍थान है जहां 15 सितंबर की रात बादल फटने से जलप्रलय आई। हालांकि उस दिन तो कार्लीगाड पहुंचना एवरेस्‍ट फतेह करने जैसा था, लेकिन इतने समय बाद भी वहां जाना आसान नहीं है। हालांकि सडक को दोपहिया और छाेटे वाहनों के लिए हिचकोले खाते हुए आने-जाने लायक तो कर ही दिया गया है। खैर, इस भूगोल के बाद चलिए,  बताते हैं कि मनीष कौन हैं। लगभग 24-25 वर्ष का यह यवुक कार्लीगाड में मुख्‍य सडक पर एक रेस्‍तरां का संचालक है। मंझाडा का रहने वाला मनीष अजवान उस शाम अपने रेस्‍तरां में ही मौजूद था। तब से आज ही उसने रेस्‍तरां खोला तो मुलाकात हुई। बातचीत चली तो वह बोला, उस रात का भयावह मंज़र आज भी दिल दहला देता है। उसी के शब्‍दों में , मैंने अपनी आँखों से जो देखा, वो एक ऐसी दास्तान है जो सिर्फ़ महसूस की जा सकती है।उस दिन शाम को शुरू हुई बारिश रात 7:30 बजते ही एकाएक तेज हो गई। रात 8:30 बजे मैं अपना काम ख़त्म करके घर की ओर चला, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। एक जेसीबी पर सवार होकर मैं घर के करीब तक तो पहुँचा, लेकिन आगे  रास्ता बंद था। ऐसे में एक दोस्त के घर शरण लेनी पड़ी। रात के करीब साढ़े दस बजे, मिट्टी की अजीब सी गंध हवा में घुलने लगी और नदी की दहाड़ इतनी भयानक थी कि दिल दहलने लगा। मैंने फोन कर अपनी मां, भाई, भाभी और भतीजों को घर खाली करने के लिए कहा।

गांव के पचास से ज़्यादा परिवारों के साथ हम भी बिना सोचे समझे जंगल की ओर भागे। ऊपर से आसमान फट रहा था और नीचे ज़मीन कांप रही थी। उस घनघोर बारिश में हम सब सांस रोक कर कार्लीगाड का कहर देख  रहे थे।  रात के एक से तीन बजे के बीच बारिश थोड़ी थमी, लेकिन भोर से पहले ही उसने फिर से गति पकड़ ली। पौ फटने के साथ जो मंज़र सामने आया, वो होश उडाने वाला था। सामने वाली पहाड़ी से कार्लीगाड नदी में समा रहे पतला और संकरे खाले में मंगलवार तडके के लहरें विकराल हो गई। भयानक गर्जना के साथ लगा कि मानो साक्षात यमराज इन पर सवार हैं। जल प्रलय ने कई रिसॉर्ट्स और घरों को देखते ही देखते अपने आगोश में समेट लिया। नदी के इस पार हों या उस पार सब की रात दहशत में ही गुजरी। सुबह के हालात ऐसे थे कि ऊपर वाले ने जान तो बचा ली, लेकिन जिंदगी छीन ली।

 

You Might Also Like

हिमालय  के आंगन में हौसले की परीक्षा ,आदि कैलाश में इतिहास रचा

सेटेलाइट मैपिंग पर आधारित है दून का मास्टर प्लान 2041

सोशल मीडिया पर नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज

उत्तराखंड में दोष सिद्धि दर राष्ट्रीय औसत से दोगुनी

भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली हुए जादूंग में अब रात बिताएंगे सैलानी 

TAGGED: and restaurants., Hotels, Read a harrowing firsthand account of the Karli Gad flood in Dehradun's Sahastradhara area. A local restaurant owner shares his terrifying experience of the cloudburst that caused immense destruction, sweeping away homes
Web Editor September 23, 2025
Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article खुल गया सफेद कट्टे में मिली लाश का राज 
Next Article Dehradun Cloudburst: उस रात जब कार्लीगाड में काल ने दी दस्‍तक
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

100 Followers Like
100 Followers Follow
100 Followers Follow
100 Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Latest News

गौचर के लिए 18 सीटर हेली सेवा जल्द 
उत्तराखंड November 15, 2025
दुबई से भारत लाया गया 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का  आरोपी गैंगस्टर जगदीश पुनेठा
क्राइम November 15, 2025
मां संग गांव पहुंचे मुख्यमंत्री धामी, माटी को माथे से लगा हुए भावुक
उत्तराखंड November 15, 2025
रुद्रप्रयाग में घास लेने गई सात महिलाओं पर भालू का हमला, एक गंभीर
उत्तराखंड November 15, 2025

Recent Posts

  • गौचर के लिए 18 सीटर हेली सेवा जल्द 
  • दुबई से भारत लाया गया 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का  आरोपी गैंगस्टर जगदीश पुनेठा
  • मां संग गांव पहुंचे मुख्यमंत्री धामी, माटी को माथे से लगा हुए भावुक
  • रुद्रप्रयाग में घास लेने गई सात महिलाओं पर भालू का हमला, एक गंभीर
  • सपनों से भी ऊंची पहाड़ की बेटी की उड़ान

साथियों, ये है हिमालय की आवाज. आप सोच रहे होंगे कि इतने पोर्टल के बीच एक और पोर्टल. इसमें क्या अलग है. यूं तो इसमें भी खबर ही होंगी, लेकिन साथ ही होगी हिमालय की आवाज यानी अपनी माटी, अपने गांव गली और चौक की बात. जल-जंगल और जमीन की बात भी. पहाड़ के विकास के लिए हम दमदार आवाज बनेंगे. आप सभी शुभचिंतकों के सहयोग का आकांक्षी. : किरण शर्मा, संस्‍थापक

Most Viewed Posts

  • मक्‍की की वजह से पर्यटन के नक्‍शे पर आया यह गांव (5,841)
  • राज्य में 12 पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन बनाए गए (5,798)
  • टिहरी राजपरिवार के पास 200 करोड से अधिक की संपत्ति (4,289)
  • कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों पर जनजागरूकता में जुटा चुनाव आयोग (4,133)
  • प्रधानमंत्री माेदी और गृह मंत्री शाह जल्‍द आएंगे उत्‍तराखंड (4,078)
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
Follow US

© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?