राजकीय विद्यालयों में आगामी 11 अप्रैल को प्रवेशोत्सव मनाया जायेगा, मुख्यमंत्री देहरादून के आवासीय विद्यालय से करेंगे प्रवेशोत्सव का शुभारम्भ
देहरादून : प्रदेशभर के राजकीय विद्यालयों में आगामी 11 अप्रैल को प्रवेशोत्सव मनाया जायेगा। सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून से इस कार्यक्रम का शुभारम्भ करेंगे। वह आवासीय विद्यालय बनियावाला में नये बच्चों को स्कूल में प्रवेशित करायेंगे। इस मौके पर प्रदेशभर के लगभग 30 हजार प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट भी वितरित किये जायेगे, इसके लिये प्रत्येक प्राथमिक विद्यालयों के खातों में दस-दस हजार रूपये की धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर की जायेगी।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राज्य सरकार की मंशा प्रत्येक बच्चे को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसके लिये नये शैक्षिक सत्र के शुभारम्भ अवसर पर प्रत्येक वर्ष स्कूलों में प्रवेश हेतु विशेष अभियान चलाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में आगामी 11 अप्रैल को प्रदेशभर के सभी राजकीय विद्यालयों में प्रवेशोत्सव मनाया जायेगा, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। डॉ. रावत ने बताया कि प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री देहरादून के आवासीय विद्यालय बनियावाला में प्रवेशोत्सव के अवसर पर नये बच्चों को स्कूल में प्रवेशित करायेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को सभी जनपदों, विकासखंडों एवं विद्यालयों में भी आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम में सांसद, क्षेत्रीय विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर, ब्लॉक प्रमुख, नगर निकायों के अध्यक्ष एवं अन्य जनप्रतिनिधि विभिन्न स्कूलों में जाकर प्रतिभाग करेंगे और स्कूलों में नये बच्चों के प्रवेश दिलायेंगे इसके साथ ही वह स्थानीय लोगों एवं अभिभावकों को सरकारी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन को लेकर प्रोत्साहित करेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रवेशोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री प्रदेशभर के लगभग 30 हजार प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट की सौगात देंगे। प्रत्येक बेसिक शिक्षक को टैबलेट के लिये दस-दस हजार रूपये दिये जायेंगे, यह धनराशि ऑनलाइन माध्यम से उनके विद्यालयों के खातों में ट्रांसफर की जायेगी ताकि शिक्षक अपने मन मुताबिक टैबलेट की खरीद कर सकें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा को भी डिजिटल माध्यम से जोड़ना है ताकि प्राथमिक स्तर पर अध्ययनरत बच्चों को भी डिजिटल माध्यम का लाभ मिल सके।