देहरादून : फिल्म कागज में ‘भरत लाल’ को सरकारी कर्मचारियों ने दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद उन्हें खुद को जीवित साबित करने के लिए जिंदगीभर संघर्ष करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ मामला देहरादून में भी सामने आया है। यहां वोट देने के लिए मतदान केंद्र श्री गुरुराम राय डिग्री कालेज, पथरीबाग के 18 धर्मपुर भंडारी बाग में पहुंची महिला को मतदान ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों ने यह कहकर लौटा दिया कि मतदाता सूची में तुम्हें मृत घोषित कर दिया गया है। ऐसे में तुम वोट नहीं दे सकती हो। इस दौरान महिला बच्चे को गोद में लिए तीन घंटे इधर-उधर चक्कर काटती रही, लेकिन उसे वोट डालने नहीं दिया गया।
भंडारी बाग की रहने वाली 33 वर्षीय साहिबा खान हर बार चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करती रही हैं। शनिवार को दोपहर करीब एक बजे वह मतदान करने के लिए श्री गुरुराम राय डिग्री कालेज, पथरीबाग में बने मतदान केंद्र में गईं। जब उन्होंने अपनी वोटर स्लिप दिखाई तो एक बार तो बूथ पर बैठे कर्मचारी उसे देखकर चौंक गए और कहा कि तुम तो मर चुकी हो। वोट देने के लिए कैसे आ गई। महिला ने कहा कि डेढ़ साल पहले उनके पति मोहसिन की मृत्यु हो चुकी है।
वह घर में ही रहती हैं, लेकिन मतदाता सूची अपडेट करने आए कर्मचारियों ने गलत रिपोर्ट देकर उन्हें मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार को जब वह वोटर स्लिप लेकर मतदान करने पहुंचीं तो देखा कि मतदान केंद्र पर मौजूद सूची में उनके नाम के ऊपर डिलीट की मुहर लगी हुई थी। जब उन्होंने बताया कि वह जीवित हैं तो एक अधिकारी ने मतदाता सूची में उनके नाम के सामने जीवित लिख दिया, लेकिन मतदान नहीं करने दिया। अधिकारी ने उनसे कहा कि अगली बार जब मतदान होंगे तो उन्हें मतदान करने का अधिकार दिया जाएगा।